केसवानंद भारती केस: भारतीय संविधान का ऐतिहासिक फैसला और मूल संरचना सिद्धांत
भारत का सुप्रीम कोर्ट केसवानंद भारती केस: भारतीय संविधान के इतिहास में संवैधानिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण परिचय भारतीय संविधान में संसद को अनुच्छेद 368 के तहत संविधान में संशोधन करने का अधिकार दिया गया है, लेकिन यह शक्ति कितनी व्यापक हो सकती है, और इसके क्या सीमित दायरे हैं, यह सवाल 1973 के केसवानंद भारती […]