Author name: vivek singh

I am Vivek Singh, a mechanical engineer with a profound passion for Indian history. Although my professional background is in engineering, I have always been deeply fascinated by the rich and diverse history of India. Over the years, I have collected numerous books and dedicated myself to studying the cultural, political, and social transformations that have shaped the subcontinent. Through my blog, I aim to share the insights and stories I've uncovered, offering a unique perspective that blends my analytical mindset as an engineer with my love for history.

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राजपूतों की हार के कारण: तुर्कों की सफलता के पीछे के कारण और रणनीतियाँ

राजपूतों की हार के कारण    राजपूतों की हार और तुर्कों की सफलता के कारणों को केवल 1173 में गजनवी के मुइज्जुद्दीन बिन सम के ग़ज़नी के उत्तराधिकारी बनने या 1181 में उनके पहले भारत के उत्तर-पश्चिमी भागों (पेशावर) में प्रवेश के संदर्भ में नहीं देखना चाहिए। जैसे कि आधुनिक लेखक ए.बी.एम. हबीबुल्लाह ने सही […]

Map of the Ghurid Empire, showing its territorial extent during its peak, with regions spanning parts of modern-day Afghanistan, Iran, Pakistan, and India.
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गोरी वंश का उदय और भारतीय उपमहाद्वीप में इसका प्रभाव

  भारत के इतिहास में गोरी वंश का भारत पर आक्रमण एक निर्णायक घटना थी जिसने देश के राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव किए। ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए तो महमूद गोरी का भारत पर आक्रमण एक नए युग की शुरुआत थी, जिसने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की नींव रखी। इस लेख

Map of the Ghaznavid Empire at its peak
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महमूद गजनवी के आक्रमण: 10वीं सदी में भारत पर उसका प्रभाव

10वीं सदी का भारतीय इतिहास एक महत्वपूर्ण मोड़ था, खासकर महमूद गजनवी के आक्रमणों के कारण। गजनवी के भारत में किए गए आक्रमणों ने भारतीय राजनीति, समाज और संस्कृति पर गहरा प्रभाव डाला। इस लेख में, हम महमूद गजनवी के हमलों, राजपूत साम्राज्यों के पतन और भारतीय राज्य व्यवस्था में आए बदलावों पर चर्चा करेंगे।

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मौर्य युग में कला और स्थापत्य का योगदान: अशोक स्तंभ, स्तूप और वास्तुकला

  मौर्य काल, प्राचीन भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण दौर था, जिसे कला, वास्तुकला और शासकीय व्यवस्थाओं में अद्वितीय उपलब्धियों के लिए जाना जाता है। इस काल में, विशेष रूप से सम्राट अशोक के शासनकाल में, भारतीय संस्कृति और वास्तुकला पर गहरा प्रभाव पड़ा। अशोक स्तंभ, स्तूप और इस समय के अन्य स्मारक भारतीय कारीगरी

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मौर्य युग की आर्थिक दशा, व्यापार, उद्योग और प्रशासन की उन्नति

मौर्य युग भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण और समृद्ध काल था, जिसमें आर्थिक, व्यापार, उद्योग और प्रशासनिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विकास हुआ। इस अवधि में कृषि, व्यापार, उद्योग और प्रशासन में न केवल तकनीकी और संरचनात्मक सुधार हुए, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के लिए कई सुधारात्मक कदम भी उठाए गए। मौर्य काल के सम्राटों

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मौर्य काल में प्रमुख धर्म और सम्प्रदाय: बौद्ध, जैन, आजीवक और भक्ति

मौर्य काल में धार्मिक दशा   मौर्य काल भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण समय था। जिसमें धार्मिक विविधता और विभिन्न सम्प्रदायों का उत्थान हुआ। इस काल में बौद्ध धर्म, जैन धर्म, आजीवक सम्प्रदाय और भक्ति सम्प्रदाय का प्रमुख स्थान था। विशेष रूप से सम्राट अशोक के शासन में बौद्ध धर्म को संरक्षण मिला और इसके

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मौर्य काल में सामाजिक और पारिवारिक संरचना: जाति व्यवस्था और विवाह प्रथाएं

मौर्य काल में सामाजिक संरचना भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें समाज की संरचना में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए थे। इस काल में जाति व्यवस्था, पारिवारिक संरचनाएं, और सामाजिक वर्गों का स्पष्ट रूप से विभाजन हुआ था। मौर्य साम्राज्य के दौरान, सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक के शासन में समाज में सुधारों के

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अशोक के प्रशासनिक सुधार: मौर्य साम्राज्य में बदलाव

अशोक के प्रशासनिक सुधार: जानिए कैसे बदलाव हुए    सम्राट अशोक न केवल एक महान विजेता और धर्म प्रचारक था, बल्कि एक कुशल प्रशासक भी था। उसने अपनी शासन व्यवस्था में कई सुधार किए, लेकिन किसी नए शासन की नींव नहीं रखी। उसने अपने पितामह चन्द्रगुप्त मौर्य द्वारा स्थापित शासन व्यवस्था में आवश्यकतानुसार बदलाव किए,

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चन्द्रगुप्त मौर्य का प्रशासन: संरचना और प्रभाव

चन्द्रगुप्त मौर्य की शासन व्यवस्था की संरचना    चन्द्रगुप्त मौर्य न केवल एक महान् विजेता थे, बल्कि एक कुशल प्रशासक भी थे। उनके शासन के समय भारत में राजनीतिक केन्द्रीकरण की शुरुआत हुई। इस व्यवस्था ने चक्रवर्ती सम्राट की अवधारणा को व्यवहार में लाया। चन्द्रगुप्त की शासन-व्यवस्था में कई ऐसे तत्व थे, जो ईरानी और

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मौर्य साम्राज्य का पतन: कारण, अशोक की नीतियाँ और उनका प्रभाव

मौर्य साम्राज्य के पतन के कारण    मौर्य साम्राज्य लगभग तीन शताब्दियों तक शक्तिशाली था। लेकिन अशोक की मृत्यु के बाद यह कमजोर होने लगा। फिर, इसका विघटन तेज़ी से हुआ। पहले संगठन टूटने लगे। फिर, साम्राज्य भी बिखरने लगा। अन्ततः, 184 ईसा पूर्व में मौर्य साम्राज्य का अंत हुआ। इसके अंतिम सम्राट बृहद्रथ थे।

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