Author name: vivek singh

I am Vivek Singh, a mechanical engineer with a profound passion for Indian history. Although my professional background is in engineering, I have always been deeply fascinated by the rich and diverse history of India. Over the years, I have collected numerous books and dedicated myself to studying the cultural, political, and social transformations that have shaped the subcontinent. Through my blog, I aim to share the insights and stories I've uncovered, offering a unique perspective that blends my analytical mindset as an engineer with my love for history.

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सल्तनत कालीन सामाजिक और धार्मिक जीवन: अभिजात वर्ग और सामाजिक बदलाव

13वीं-14वीं सदी का दिल्ली सल्तनत: सामाजिक और धार्मिक परिवर्तनों का दौर   13वीं-14वीं सदी का दिल्ली सल्तनत काल भारतीय इतिहास में सामाजिक और धार्मिक परिवर्तनों का महत्वपूर्ण दौर था। इस युग में तुर्क-अफगान शासकों के साथ स्थानीय परंपराओं का अनूठा समन्वय देखने को मिला। अभिजात वर्ग (नोबल्स) की शक्ति संघर्ष, व्यापारिक वर्ग की उन्नति, ग्रामीण […]

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दिल्ली सल्तनत का उत्तर भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: परिवर्तन और चुनौतियाँ

  दिल्ली सल्तनत (1206-1526) का उत्तर भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा। इस अवधि में कृषि उत्पादन, व्यापारिक गतिविधियों, सिक्कों के चलन और कर प्रणाली में बड़े बदलाव देखे गए। इतिहासकार इस बात पर मतभेद रखते हैं कि तुर्क शासकों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को समृद्ध किया या इसे नुकसान पहुँचाया। कुछ के अनुसार, सल्तनत

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दिल्ली सल्तनत का शासन और प्रशासन (13वीं-14वीं शताब्दी): एक विस्तृत विश्लेषण

  दिल्ली सल्तनत (Delhi Sultanate) का शासन और प्रशासन 13वीं और 14वीं शताब्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण चरण था। इस काल में गुलाम वंश, खिलजी वंश और तुगलक वंश ने अपनी प्रशासनिक नीतियों से सल्तनत को संगठित करने का प्रयास किया। दिल्ली सल्तनत की प्रशासनिक व्यवस्था (Delhi

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दिल्ली सल्तनत का पतन: तैमूर, उत्तराधिकार संघर्ष और भ्रष्टाचार से क्यों बिखरा साम्राज्य?

  दिल्ली सल्तनत का विघटन भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इस प्रक्रिया के दौरान कई आंतरिक और बाहरी कारकों का प्रभाव था, जिनमें सत्ता संघर्ष, प्रशासनिक भ्रष्टाचार, और तैमूर का आक्रमण प्रमुख थे। क्या आप जानते हैं कि एक समय भारत पर राज करने वाली दिल्ली सल्तनत क्यों बिखर गई?

Portrait of Firoz Shah Tughlaq, the Sultan of Delhi, in royal attire with traditional headgear.
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फ़िरोज़शाह तुग़लक़ का शासन: परोपकार, प्रशासनिक सुधार और कृषि विकास

  फ़िरोज़शाह तुग़लक़ (1351-1388) का शासन दिल्ली सल्तनत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। फ़िरोज़शाह तुग़लक़ ने एक मानवतावादी और परोपकारी शासन की नींव रखी, जिससे न केवल समाज में सुधार हुआ बल्कि कृषि और नगरीय विकास में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इस लेख में हम फ़िरोज़शाह तुग़लक़ के शासनकाल के महत्वपूर्ण पहलुओं पर

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मुहम्मद बिन तुगलक की योजनाएं : विवादास्पद प्रयोग, विफलताएँ और ऐतिहासिक सबक

  मध्यकालीन भारत के सबसे चर्चित शासक मुहम्मद बिन तुगलक को इतिहास “प्रयोगधर्मी सुल्तान” के रूप में याद करता है। उन्होंने राजधानी को दिल्ली से दौलताबाद स्थानांतरित करने, ताँबे की सांकेतिक मुद्रा चलाने, और कृषि सुधार जैसे क्रांतिकारी फैसले लिए। लेकिन ये योजनाएं अक्सर विवादों और विफलताओं से घिरे रहे। इस लेख में हम जानेंगे

Mongol warriors on horseback shooting arrows in battle.
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मंगोल आक्रमण और दिल्ली सल्तनत: अलाउद्दीन खिलजी की रणनीतियाँ और ऐतिहासिक सबक

  भारत पर मंगोल आक्रमण: 100 साल के संघर्ष की शुरुआत   13वीं से 14वीं सदी तक, भारत को मंगोलों के लगातार हमलों का सामना करना पड़ा। दिल्ली सल्तनत, खासकर अलाउद्दीन खिलजी और बलबन जैसे सुल्तानों ने इन आक्रमणों को रोकने के लिए अनोखी रणनीतियाँ अपनाईं। चाहे लाहौर पर हमला हो या ब्यास नदी की

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अलाउद्दीन खिलजी के विजय अभियान: सैन्य रणनीतियां और ऐतिहासिक महत्व

अलाउद्दीन खिलजी के विजय अभियान को भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय माना जाता है। उनके सैन्य कौशल, युद्ध रणनीतियों और शाही महत्वाकांक्षाओं ने उन्हें भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे शक्तिशाली सुलतान के रूप में स्थापित किया। अलाउद्दीन खिलजी के विजय अभियान ने न केवल उनके साम्राज्य का विस्तार किया, बल्कि वह अपनी सैन्य रणनीतियों के

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अलाउद्दीन खिलजी के बाजार सुधार: कारण, प्रभाव और उनके ऐतिहासिक परिणाम

  अलाउद्दीन खिलजी के बाजार सुधार    अलाउद्दीन खिलजी के समय में किए गए बाजार सुधारों का प्रशासनिक और सैन्य दृष्टिकोण से गहरा संबंध था। इन सुधारों का उद्देश्य दिल्ली के बाजारों में कीमतों पर नियंत्रण स्थापित करना और एक व्यवस्थित प्रणाली बनाना था। हालांकि, यह सुधार प्रशासनिक सुधारों से ज्यादा सैन्य आवश्यकताओं से जुड़े

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अलाउद्दीन खिलजी के कृषि सुधार: ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव

अलाउद्दीन खिलजी के कृषि सुधार: एक विस्तृत विश्लेषण    अलाउद्दीन खिलजी के कृषि सुधारों को सल्तनत के आंतरिक पुनर्गठन और मंगोल आक्रमणों के खतरे से निपटने के लिए एक बड़ी सेना बनाने की आवश्यकता के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। यह सुधार न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थे, बल्कि इसके पीछे सैन्य और राजनीतिक