ancient India

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वैदिक काल का आहार: क्या खाते थे हमारे पूर्वज?

  वैदिक काल में लोग क्या खाते थे ?   भारत के प्राचीन इतिहास में वैदिक काल का अत्यधिक महत्व है, जो लगभग 1500 ईसा पूर्व से 500 ईसा पूर्व तक फैला हुआ था। यह समय भारतीय समाज के विकास में महत्वपूर्ण था, जहां कृषि, पशुपालन और धार्मिक अनुष्ठानों का प्रमुख स्थान था। वैदिक साहित्य […]

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ऋग्वैदिक काल में समाज का आर्थिक जीवन: कृषि, पशुपालन, व्यापार और उद्योग

  ऋग्वैदिक काल का आर्थिक जीवन (Economic Life in the Rigvedic Period)   ऋग्वैदिक काल (Rigvedic period) में समाज का आर्थिक जीवन कृषि, पशुपालन, व्यापार और उद्योग पर आधारित था, जो उस समय के सामाजिक ढांचे और जीवनशैली का अहम हिस्सा थे। इस काल में समाज की अधिकांश गतिविधियाँ कृषि और पशुपालन से जुड़ी थीं,

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ऋग्वैदिक समाज: परिवार, विवाह, वर्ण व्यवस्था और स्त्रियों की स्थिति

  क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे समाज की जड़ें कहां से आईं? ऋग्वैदिक काल (1500 ईसा पूर्व से लेकर 500 ईसा पूर्व), भारतीय सभ्यता का प्रारंभिक दौर, एक ऐसे समय को दर्शाता है जब सामाजिक संरचनाएँ, परिवार, विवाह और स्त्रियों की स्थिति ने आकार लिया। इस काल में न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक

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आर्यों का मूल स्थान: क्या हैं विवादित सिद्धांत?

  आर्य कौन थे?   “आर्य” शब्द का प्रयोग प्राचीन भारतीय समाज में विभिन्न संदर्भों में किया गया है। यह शब्द संस्कृत के “आर्य” (Arya) से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘श्रेष्ठ’, ‘उत्कृष्ट’ या ‘आदर्श’। ऐतिहासिक रूप से, आर्य शब्द का उपयोग Indo-Aryan भाषा बोलने वाले लोगों को संदर्भित करने के लिए किया जाता

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भारत में लोहे का पहला उपयोग: क्या आपको पता है कब हुआ था?

  भारत में लोहे की प्राचीनता    भारत में लोहे का इतिहास बहुत पुराना है, जो विभिन्न साहित्यिक और पुरातात्विक प्रमाणों से सिद्ध होता है। भारत में लोहे के प्रयोग का प्रमाण हमें प्राचीन भारतीय ग्रंथों और खुदाईयों से मिलता है।   साहित्यिक प्रमाण    जैसा की हम जानते है कि, सिंधु घाटी सभ्यता एक

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